पुरुषों को स्तंभन दोष को क्यों नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए?
- parvindersingh2
- Mar 16, 2023
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आज-कल की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में काम-काज के बोझ तले दबकर व्यक्ति अपने स्वयं के स्वास्थ्य की ओर से पूरी तरह बेपरवाह हो जाता है और विभिन्न प्रकार की शारीरिक बीमारियों की गिरफ्त में आ जाता है जिससे उसके स्वास्थ्य पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और तब जाकर उसे अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करने की बात समझ में आती है परन्तु तब-तक बहुत देर हो चुकी होती है और उसकी बीमारी गम्भीर रूप धारण कर चुकी होती है, तब जाकर वह अपने उपचार की दिशा में सोंचना शुरू करता है. यहां तक तो बात ठीक है कि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत तो हुआ! लेकिन बात जब उसके अपने स्वयं के यौन-स्वास्थ्य की आती है और जब उसे अपने यौन-स्वास्थ्य से संबन्धित बीमारियों की अनुभूति होती है तो अज्ञात पारिवारिक व सामाजिक भय तथा सहज संकोच की वजह से वह चुप्पी साध लेता है और इसका दुष्परिणाम यह होता है कि वह गुप्त-रोगों से सम्बन्धित अन्य कई प्रकार के यौन-रोगों से अनावश्यक रूप से ग्रस्त हो जाता है और फिर अपने आत्मसम्मान में कमी महसूस करता हुआ आत्मग्लानि का शिकार होकर अनावश्यक चिन्ता करने की वजह से अवसादग्रस्त होकर अपनी जिन्दगी के प्रति उदासीन हो जाता है.
ऐसे ही यौन-रोगों में से एक प्रमुख यौन-रोग है जिसे स्तंभन दोष के नाम से जाना जाता है और इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स सम्बंध स्थापित करने में सक्षम नहीं हो पाता है क्योंकि सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने हेआज-कलकीभाग-द-ड-भरीजिन्दगीमेंकाम-काजकेबोझतलेदबकरव्यक्तिअपनेस्वयंकेस्वास्थ्यकीओरसेपूरीतरहबेपरवाहहोजाताहैऔरविभिन्नप्रकारकीशारीरिकबीमारियोंकीगिरफ्तमेंआजाताहैजिससेउसकेस्वास्थ्यपरबहुतहीप्रतिकूलप्रभावपड-ता-हैतु उसके लिंग में जो कठोरता अथवा तनाव की जितनी आवश्यकता होती है, उसका उसमें पूर्णतया अभाव हो जाता है और लैंगिक तनाव के अभाव में वह अपना आत्मसम्मान खोने लगता है तथा अनावश्यक रूप से चिन्तित होकर अवसादग्रस्त हो जाता है. ऐसे में स्तंभन दोष से पीड़ित अवसादग्रस्त व्यक्ति के लिए यह परम आवश्यक हो जाता है कि उसकी समुचित रूप से सम्पूर्ण चिकित्सा हो और इतना ही नहीं, बल्कि उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी हो ताकि पीड़ित व्यक्ति का अपेक्षित उपचार सम्भव हो सके और वह पूर्व की भांति अपना जीवन सामान्य रूप से जी सके.
यहां विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी स्थिति में अपनी इस यौन-समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी उपेक्षा उसे अत्यन्त ही नारकीय जीवन जीने पर मजबूर कर सकती है. इसलिए इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से अपनी इस समस्या से निजात पाने हेतु किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करे और खुलकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराए ताकि वह पुरुषों-को-स्तंभन-दोष-को-क्यों-नज-रअंदाज-नहीं-करना-चाहिएउसका उचित उपचार कर सकें और वह इस रोग से मुक्त हो सके.
आजकल आमतौर पर बढ़ती हुई उम्र के साथ-ही-साथ अन्य कई प्रकार के अज्ञात कारणों की वजह से भी पुरुषों में विभिन्न प्रकार की यौन-समस्याएं देखी जाती हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के इस परिपेक्ष्य में अधिकांश लोग किसी-न-किसी प्रकार की यौन-समस्याओं से ग्रस्त अवश्य हैं. ऐसे में यौन-समस्याओं से पीड़ित होने की वजह से व्यक्ति की शादी-शुदा जिन्दगी पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और आपसी रिश्तों में गर्माहट की जगह तल्खियां घर करने लग जाती हैं. अनावश्यक रूप से रिश्तों के टूटने का डर सताने लगता है. पीड़ित व्यक्ति बेवजह चिन्ता और घुटन भरी जिन्दगी जीने पर मजबूर होकर अवसादग्रस्त हो जाता है. इसलिए भी स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी स्थिति में अपने इस रोग की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
आमतौर पर किसी भी व्यक्ति को अपनी जिन्दगी में उसकी यौन-समस्याओं का पता तब चलता है जब वह सेक्स सम्बंध स्थापित करता है. सामान्यतया व्यक्ति को अपनी जिन्दगी में किसी भी प्रकार की यौन-समस्याओं की जानकारी उसे उसकी शादी के बाद ही पता चलती है परन्तु यह भी सम्भव है कि उसे यह समस्या उसके विवाह पूर्व से ही हो क्योंकि ऐसा देखा गया है कि कई बार किसी भी प्रकार के तनाव की वजह से भी व्यक्ति में यौन-समस्याएं घर कर जाती हैं. हालांकि, अगर समय रहते किसी को अपनी यौन-समस्याओं का पता चल जाए तो उसका उचित उपचार कराना बहुत हद तक आसान हो जाता है और अगर यह यौन-समस्या स्तंभन दोष की हो तो व्यक्ति को अविलंब उसके उपचार हेतु सजग हो जाना चाहिए.
स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति के लिंग में आवश्यक तनाव व कठोरता का सर्वथा अभाव होता है और वह चाह कर भी किसी भी स्थिति में सेक्स सम्बंध स्थापित नहीं कर पाता है क्योंकि व्यक्ति के लिंग में जिस प्रकार के रक्त-संचार की आवश्यकता होती है उसका उसमें अभाव होता है जिसकी वजह से उसका लिंग तनाव रहित हो जाता है.
इसलिए किसी भी व्यक्ति को जब सेक्स-सम्बंध स्थापित करने की प्रक्रिया में जब इस बात का अहसास हो कि उसका लिंग आवश्यक तनाव से रहित है तो बगैर विलम्ब किए उसे किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क स्थापित कर इसके उपचार की दिशा में अग्रसर होना चाहिए.
यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति सिर्फ सेक्स-सम्बंध स्थापित करने में ही विफल नहीं होता बल्कि वह अन्य प्रकार के यौन-रोगों से भी ग्रसित हो जाता है जिसमें मुख्य रूप से शीघ्रपतन जैसा यौन-रोग शामिल है क्योंकि यह रोग भी व्यक्ति को हीन भावना से ग्रसित कर उसे अवसादग्रस्त स्थिति में लाकर खड़ा कर देता है. इसलिए भी स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी स्थिति में इसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसकी गम्भीरता व्यक्ति को किसी लायक नहीं छोड़ती.
स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क स्थापित करने के साथ-ही-साथ इस बात की भी नितान्त आवश्यकता होती है कि वह अपनी जीवन-शैली में अनुकूल परिवर्तन लाने का भरपूर प्रयास करे क्योंकि एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक अच्छी जीवन-शैली की बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
व्यक्ति को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से अपने जीवन में अत्यधिक शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान, ड्रग्स, प्रतिबंधित दवाओं का सेवन, असंतुलित जीवन-शैली, असंयमित आहार-व्यवहार, अनावश्यक तनाव और व्यर्थ चिंता करने से बाज आए क्योंकि इन बुरी आदतों की वजह से भी व्यक्ति इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाता है और इतना ही नहीं, बल्कि अत्यधिक मोटापा, मधुमेह, हृदय से सम्बंधित समस्याओं, उच्च रक्तचाप और मानसिक अवसाद के कारण भी यह गम्भीर रोग व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले लेता है.
यौन-रोगों में स्तंभन दोष पुरुषों में होनेवाला एक अत्यन्त ही भयानक रोग है जो व्यक्ति को अन्दर-ही-अन्दर खोखला कर देता है और इस वजह से उसकी जिन्दगी नीरस हो जाती है.
प्रायः ऐसा देखा गया है कि अधिकांश व्यक्तियों को अपने डॉक्टर के साथ अपनी इस समस्या पर चर्चा करने में उसे काफी झिझक और शर्मिंदगी महसूस होती है, इसलिए वह स्वयं ही किसी अन्यान्य स्रोतों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर अस्वीकृत दवाओं का सहारा लेना शुरू कर देता है जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होता क्योंकि ऐसी अस्वीकृत दवाओं के लम्बे समय तक सेवन से व्यक्ति इस गम्भीर बीमारी से सम्बन्धित समस्यायों के मकड़जाल में स्वयं के चलते बहुत ही बुरी तरह उलझ जाता है जो उसके समग्र स्वास्थ्य को काफी हद तक बहुत ही बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वह ऐसी स्थिति से स्वयं को बचाए रखने का भरपूर प्रयास करे और किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास करे ताकि अनावश्यक जंजाल में फंसने से स्वयं को बचा सके.
स्तंभन दोष से निजात पाने के लिए उचित समय पर उससे सम्बन्धित संकेतों और लक्षणों को अविलंब जांचने और परखने की भी नितान्त आवश्यकता होती है जो कि किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ के सानिध्य में ही सम्भव है. इसलिए भी ऐसी अवस्था में पीड़ित व्यक्ति को चाहिए कि वह अज्ञात पारिवारिक व सामाजिक भय और सहज संकोच को त्यागकर किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्बन्धित समस्याओं को लेकर निःसंकोच होकर खुलकर बात करे ताकि उनके उचित परामर्श और उनकी चिकित्सा से व्यक्ति अपनी समस्याओं से निजात पा सके.
हालांकि, पीड़ित व्यक्ति स्वयं भी चाहे तो धूम्रपान का त्याग, संयमित दिनचर्या, संतुलित व स्वस्थ आहार-व्यवहार, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सक्रियता, प्रतिदिन नियमित योग और व्यायाम, गम्भीर रोगों पर नियन्त्रण हेतु प्रतिबद्धता, सुखद नींद की प्राप्ति हेतु उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर इस गम्भीर बीमारी से निजात पा सकता है परन्तु इस रोग की गम्भीरता की वजह से भी इसके लिए एक कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सलाह व परामर्श लेना नितान्त रूप से आवश्यक है, क्योंकि उन्हीं की सलाह पर सम्भव है कि व्यक्ति एक बार फिर से अपनी जिन्दगी को नए रस से सराबोर होता हुआ महसूस कर सके और इसके साथ ही उसे खुशनुमा बनाने का सुखद संयोग भी प्राप्त हो सके जिससे व्यक्ति पुनः अपनी जिन्दगी में यौन-सुख का परम आनन्द प्राप्त कर पाने में सक्षम हो सके.
आज के इस भौतिकवादी युग की आधुनिक जीवन-शैली अपने-आपमें बहुत ही अव्यवस्थित है जिसकी वजह से व्यक्ति का यौन-स्वास्थ्य भी बहुत ही गम्भीर रूप से प्रभावित होता है, अतः इसके लिए व्यक्ति को चाहिए कि वह अविलंब अपनी जीवन-शैली में आवश्यक और अनुकूल परिवर्तन लाए और स्वयं के स्तर पर भी इस गम्भीर रोग से मुक्ति पाने हेतु प्रयास करे. व्यक्ति को यह भी कोशिश करनी चाहिए कि वह मानसिक रूप से इतना दृढ़ हो सके कि वह स्वयं ही अपने दोषों से मुक्त हो सके. शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि जैसी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजों से स्वयं को दूर रखने का भरपूर प्रयास करे क्योंकि अत्यधिक समय तक इन अनावश्यक वस्तुओं के उपयोग से भी व्यक्ति के यौनांगों पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे व्यक्ति का यौन-जीवन अत्यन्त ही कष्टप्रद हो जाता है.
कहने का तात्पर्य यह है कि स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति का अगर उचित समय पर अनुकूल उपचार नहीं किया जाए तो वह विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं से अनावश्यक रूप से ग्रसित हो सकता है जो व्यक्ति के यौन और मानसिक स्वास्थ्य को भी बहुत ही बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए भी स्तंभन दोष से पीड़ित व्यक्ति को चाहिए कि वह किसी भी स्थिति में इस रोग को नजरअंदाज करने की कोशिश नहीं करे जिससे उसे एक असंतुष्ट यौन-जीवन जीने के लिए बाध्य होना पड़े.
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