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धात रोग में शीघ्रपतन का क्यों होता है असर?


गर आप भी शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित हैं तो शीघ्रपतन डॉक्टर से अपनी समस्या का इलाज करवाने के लिए अविलंब ही दिल्ली, चंडीगढ़ और मोहाली स्थित डॉ. अरोड़ा क्लीनिक में सम्पर्क करें क्योंकि यहां एक से बढ़कर एक शीघ्रपतन डॉक्टर की एक बहुत ही बेहतरीन टीम शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों की सेवा में सदैव ही तत्पर रहती है और शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों की बेहतर तरीके से पूर्ण चिकित्सा भी करती है
शीघ्रपतन डॉक्टर (Premature Doctor)

धात रोग से ग्रसित व्यक्ति जब अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में शामिल होता है तो वह अतिशीघ्र ही स्खलित हो जाता है क्योंकि धात रोग से ग्रसित व्यक्ति का वीर्य तो बगैर यौन उत्तेजना के साथ ही बगैर यौन सम्बन्ध स्थापित किए ही स्खलित हो जाता है तो ऐसी स्थिति में यौन सम्बन्ध स्थापित करने के दौरान अगर वह व्यक्ति अतिशीघ्र ही स्खलित हो जाता है तो यह बात किसी भी दृष्टि से अस्वाभाविक तो नहीं ही हो सकती है.


शीघ्रपतन यौन रोगों से सम्बन्धित एक अत्यन्त ही जटिल और गम्भीर यौन समस्या होती है. जो कोई भी व्यक्ति इसकी गिरफ्त में आ जाता है और जब वह अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित करता है तो इस दौरान वह अतिशीघ्र ही स्खलित हो जाता है जिसकी वजह से उसे अपने आपमें बहुत ही शर्मिंदगी का सामना करने की विवशता उत्पन्न हो जाती है और वह कम आत्मसम्मान के साथ ही हीन भावनाओं से ग्रसित होकर कुंठित हो जाता है.


एक तो शीघ्रपतन और ऊपर से धात रोग! अर्थात एक तो नीम और दूजे कड़ैला! इन दोनों ही यौन रोगों से ग्रसित होने की स्थिति में तो व्यक्ति का यौन जीवन अत्यन्त ही नारकीय हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में जब वह व्यक्ति अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में शामिल होता है तो उसके लिंग में किसी भी प्रकार से उत्तेजना उत्पन्न ही नहीं हो पाती है.


उसके लिंग में अनुकूल तनाव का सर्वथा अभाव हो जाता है और अगर वह किसी भी प्रकार से इस दिशा में प्रवृत्त होने की कोशिश करता है तो वह शीघ्र ही स्खलित हो जाता है जिसकी वजह से एक ओर तो वह शर्मिंदगी का शिकार हो जाता है तो वहीं दूसरी ओर उसकी महिला पार्टनर भी यौन सुख के अभाव में मानसिक रूप से चिड़चिड़ी हो जाती है और उन दोनों के आपसी रिश्ते तो तल्ख हो ही जाते हैं तथा उनकी जिन्दगी भी अत्यन्त ही दुश्वार हो जाती है.


सामान्यतया बगैर यौन उत्तेजना और बगैर सम्भोग किए ही अगर पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाता है तो इसे धात रोग कहते हैं. ऐसी स्थिति बाल्यावस्था के साथ ही साथ युवावस्था में भी होती है. बुरी आदतों के साथ ही किसी भी प्रकार के गुप्त रोगों से ग्रसित होने की स्थिति में पुरुषों में ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती है.


आमतौर पर पुरुष समभोग करने के दौरान जब चरम अवस्था में पहुंचता है तभी उसका वीर्य स्खलित हो पाता है परन्तु यौन उत्तेजना और सम्भोग के बगैर ही जब वीर्य स्खलित हो जाए तो इसे ही धात रोग कहा जाता है. अपनी इच्छा न होते हुए भी वीर्य स्खलित हो जाना आजकल पुरुषों की एक आम यौन समस्या हो चुकी है. हालांकि, ऐसी स्थिति तब भी उत्पन्न हो जाती है जब पाचन क्रिया की गड़बड़ी की वजह से कब्ज हो जाता है और शौच करते वक्त मूत्र के साथ वीर्य भी निकलना शुरू हो जाता है.


जब कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सदैव बुरे विचारों के खयालों में ही खोया हुआ रहता है, उत्तेजक वस्तुओं का सेवन करता है, शरीर में वीर्य की मात्रा अधिक हो जाती है, वीर्य पतला हो जाता है, वीर्य की थैलियों में ऐंठन होने लगती है, हस्तमैथुन करने का अभ्यस्त हो जाता है, एक लम्बी अवधि तक सेक्स नहीं कर पाता है, अत्यधिक स्त्रियों के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित करता है, कब्ज और बवासीर जैसी शारीरिक व्याधियों का शिकार हो जाता है तब वह व्यक्ति धात रोग का शिकार हो जाता है.


असंयमित जीवन शैली के साथ ही असन्तुलित भोज्य पदार्थों का सेवन करने के साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहने के कारण कोई भी व्यक्ति धात रोग का शिकार हो जाता है. इतना ही नहीं, मिर्च, खटाई एवं तीखी वस्तुओं का अत्यधिक सेवन करने, पाचन क्रिया की गड़बड़ी होने के साथ ही सिगरेट, शराब, ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाओं के साथ ही किसी भी प्रकार की नशीली वस्तुओं का सेवन करने की वजह से भी कोई व्यक्ति धात रोग का शिकार हो जाता है.


धात रोग के लक्षण निम्न हैं.


* पाचन क्रिया की गड़बड़ी.

* बगैर इच्छा के वीर्य का स्खलित हो जाना.

* मूत्र मार्ग से चिपचिपा तरल पदार्थ का निकलना.

* खान पान में अरूचि का उत्पन्न होना.

* अनिंद्रा से ग्रसित होना.

* अनावश्यक रूप से शरीर में थकावट की अनुभूति होना.

* शरीर में स्फूर्ति की जगह आलस बना रहना.

* मूत्र मार्ग में दर्द की अनुभूति होना.

* किसी भी कार्य के प्रति मानसिक रूप से उदासीन रहना.


उपर्युक लक्षण जब किसी भी व्यक्ति में दृष्टिगोचर होने लगे तो यह इस बात का प्रमाण होता है कि वह व्यक्ति धात रोग की गिरफ्त में आ चुका है.


धात रोग से जब कोई व्यक्ति ग्रसित हो जाता है तो उसके लिंग की नसों में कमजोरी उत्पन्न हो जाती है जिसकी वजह से वीर्य पतला हो जाता है और मूत्र के साथ घुलकर बाहर निकल जाता है जो सामान्यतया नजर नहीं आता है और उसकी अनुभूति भी नहीं हो पाती है परन्तु जब इसका दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ता है तो कमजोरी इतनी बढ़ जाती है कि चलते फिरते चक्कर आने के साथ ही सांसें फूलने लगती हैं.


धात रोग से जब कोई व्यक्ति ग्रसित हो जाता है उसकी शारीरिक शक्तियों में बहुत ही कमी आ जाती है, उसका वजन घटने लगता है, किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम करने की ओर से वह विमुख हो जाता है, उसकी कमर में दर्द की अनुभूति होने लगती है तथा इसके साथ ही उसके चेहरे की कांति और सुन्दरता भी समाप्त हो जाती है. धात रोग से ग्रसित होने की वजह से उसमें शीघ्रपतन की समस्या का उत्पन्न हो जाना भी बहुत ही स्वाभाविक हो जाता है क्योंकि वह अत्यन्त ही दुर्बल और सुस्त होकर रह जाता है. वह मानसिक रूप से भी दुर्बल हो जाता है. उसकी आंखों के नीचे का रंग एकदम काला स्याह हो जाता है. उसका पौरूषेय बल भी समाप्त हो जाता है जिसकी वजह से वह आगे चलकर नपुंसकता का भी शिकार हो जाता है.


जल्दी डिस्चार्ज की सबसे अच्छी दवा.


जल्दी डिस्चार्ज की सबसे अच्छी दवा (Best Medicine for Early Discharge) प्राकृतिक रूप से की गई अपनी जीवन शैली को नियंत्रित करने की कोशिश ही होती है क्योंकि आजकल के माहौल में अनियंत्रित जीवन शैली की वजह से पुरुषों का यौन स्वास्थ्य बहुत ही बुरी तरह प्रभावित हो जाता है जिसकी वजह से सेक्स करने के दौरान वह जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाता है और यह समस्या अत्यधिक तेजी से बढ़ती ही चली जा रही है जिसकी वजह से स्त्री और पुरुष के आपसी रिश्तों पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.


यह एक ऐसी समस्या होती है जिसमें पुरुष अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित करने के दौरान एक अपेक्षित समय से पूर्व ही स्खलित हो जाता है और इसका दुष्परिणाम यह होता है कि उसकी महिला पार्टनर यौन सुख के अभाव में असंतुष्ट ही रह जाती है जिसकी वजह से उनके आपसी रिश्तों में अनावश्यक रूप से काफी तनाव उत्पन्न हो जाता है.


इस तरह की समस्या के उत्पन्न होने के बहुतेरे कारण होते हैं जिनमें मुख्य रूप से असंयमित और असन्तुलित जीवन शैली ही जिम्मेवार होती है और इसके साथ ही इसमें अनुभव की कमी तथा पिछले बुरे यौन अनुभव आदि भी प्रमुख रूप से जिम्मेवार होते हैं परन्तु व्यक्ति अगर चाहे तो अपने जीवन में निम्न उपायों को अपनाकर अपनी इस जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से पूरी तरह मुक्त हो सकता है.


अपने जीवन की किसी भी अवस्था में जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से मुक्त होने के लिए उसे अपने डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं के साथ ही अपने श्रोणि क्षेत्र की महत्वपूर्ण मांसपेशियों को व्यायाम के जरिए मजबूत बनाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को जल्दी डिस्चार्ज होने की समस्या को नियंत्रित करने में बहुत हद तक मदद मिलती है.


व्यक्ति को चाहिए कि वह जब भी सेक्स करने की प्रक्रिया में शामिल हो तो इस दौरान कंडोम का निश्चित रूप से उपयोग करे क्योंकि ऐसा करने से सेक्स की प्रक्रिया को लम्बे समय तक निभा पाने में बहुत मदद मिलती है और इससे जल्दी डिस्चार्ज होना भी सम्भव नहीं हो पाता है. अगर लिंग का ऊपरी भाग अत्यधिक ही संवेदनशील हो तो ऐसी स्थिति में कंडोम का उपयोग करने पर जल्दी डिस्चार्ज से बचा जा सकता है.


जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से बचने के लिए अपनी महिला पार्टनर के साथ निःसंकोच होकर अपनी समस्या के सन्दर्भ में बात करनी चाहिए क्योंकि इससे आपसी सहमति बनती है और साथ ही किसी योग्य सेक्सोलॉजिस्ट से सम्पर्क कर इसका उचित समय पर इलाज करवाना भी बहुत ही आसान हो जाता है.


जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को अपनी महिला पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित करने के दौरान शीघ्रता करने से बचने का प्रयास भी निश्चित रूप से करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर जल्दी डिस्चार्ज की समस्या पर नियंत्रण प्राप्त कर पाना बहुत ही आसान हो जाता है.


जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को अपनी महिला पार्टनर के साथ सेक्स करने से पहले निश्चित रूप से बेहतरीन तरीके से फोरप्ले करने पर अवश्य देना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा समय देकर अपनी महिला पार्टनर को पूरी तरह से उत्तेजित करने का भरपूर प्रयास करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर वह यौन सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पूरी तरह उत्तेजित हो पाएंगी और सेक्स करने के दौरान उन्हें चरम अवस्था को प्राप्त कर पाने में अत्यधिक देर भी नहीं लगेगी तथा जिससे जल्दी डिस्चार्ज की समस्या भी आड़े हाथों नहीं आएगी.


जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन नियमित रूप से योग, ध्यान और व्यायाम को अपनी जीवन शैली में अपनाने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए तथा इसके साथ ही व्यायाम करने के दौरान उसे कीगल व्यायाम करने की भी भरपूर कोशिश करनी चाहिए क्योंकि नियमित रूप से व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर तरीके से पूरे शरीर में प्रवाहित होना शुरू हो जाता है जिससे व्यक्ति की यौन शक्तियों में भरपूर वृद्धि होती है.


जल्दी डिस्चार्ज की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से उच्च गुणवत्तापूर्ण, विटामिनयुक्त पौष्टिक आहार का ही सेवन करना चाहिए क्योंकि इस तरह के आहार का सेवन करने के पश्चात शारीरिक शक्ति में अत्यधिक वृद्धि होती है और शरीर में बेहतर हार्मोन का भी उत्पादन होना शुरू हो जाता है जिससे व्यक्ति की यौन शक्तियों को काफी मजबूती प्राप्त होती है और उसकी जल्दी डिस्चार्ज की समस्या पर भी नियंत्रण प्राप्त कर पाना बहुत हद तक आसान हो जाता है.


शीघ्रपतन डॉक्टर.


अगर आप भी शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित हैं तो शीघ्रपतन डॉक्टर से अपनी समस्या का इलाज करवाने के लिए अविलंब ही दिल्ली, चंडीगढ़ और मोहाली स्थित डॉ. अरोड़ा क्लीनिक में सम्पर्क करें क्योंकि यहां एक से बढ़कर एक शीघ्रपतन डॉक्टर की एक बहुत ही बेहतरीन टीम शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों की सेवा में सदैव ही तत्पर रहती है और शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों की बेहतर तरीके से पूर्ण चिकित्सा भी करती है. यहां आकर पीड़ित व्यक्ति शीघ्रपतन डॉक्टर (Premature Ejaculation Doctor) से अपनी शीघ्रपतन की समस्या का इलाज करवाकर पूरी तरह मुक्त हो पाने में कामयाब हो जाता है और इसके साथ ही वह अपने यौन जीवन का भरपूर आनन्द प्राप्त कर पाने में भी पूरी तरह सक्षम हो जाता है.
















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