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सेक्स के दौरान पुरुष करते हैं ये गलतियां

  • Menwellnessclinic
  • Mar 11, 2023
  • 6 min read

मानव-जीवन में सेक्स का एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण स्थान है जो स्त्री-पुरुष को आपस में एक मजबूत बन्धन में बांधे रखता है जिसकी वजह से दोनों ही शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के साथ बड़े ही सुखद वातावरण में अपनी जिन्दगी में बहुत ही आनन्ददायक स्थिति में अपना जीवन जीते हैं.


परन्तु यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सेक्स को सिर्फ शारीरिक रूप से जीना किसी भी दृष्टि से सही नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि यह सिर्फ देह से शुरू होकर देह की परिधि में ही समाप्त नहीं होता बल्कि यह तो देहातीत होता है और जो सिर्फ देह ही नहीं, मन-प्राणों को भी अपनी ऊष्मा से अभिभूत करता है.


यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सेक्स का भरपूर आनन्द प्राप्त करने के लिए पति-पत्नी के बीच के प्यार में रूमानी अहसास का होना अत्यन्त ही आवश्यक है जिसके अभाव में जिन्दगी उत्साहहीन हो जाती है और पति-पत्नी का जीवन घोर निराशा के अन्धकार में डूब जाता है तथा उनकी जिन्दगी तल्ख हो जाती है और आपसी रिश्ते भी तनावपूर्ण हो जाते हैं.


प्रायः ऐसा देखा जाता है कि अधिकांश पुरुषों को ऐसा लगता है कि सेक्स करने की प्रक्रिया में आनन्ददायक क्षणों की प्राप्ति हेतु इंटरकोर्स ही एक ऐसी स्थिति है जिसमें वह यौन-सुख का परम आनन्द प्राप्त कर सकता है जो कि निश्चित रूप से एक भ्रांत धारणा है, बल्कि सचाई तो यह है कि इंटरकोर्स तो सेक्स की एक अन्तिम प्रक्रिया है और पुरुषों की यही सोंच उनकी सबसे बड़ी गलती है जिसकी वजह से वह स्वयं के स्खलन के साथ ही यह समझ बैठता है कि सेक्स की प्रक्रिया अब समाप्त हो गई परन्तु उसके पार्टनर की मनःस्थिति इस दरम्यान कैसी रही, इस ओर उसका ध्यान जाता ही नहीं है और न तो वह इसको जानने की कोशिश ही करता है. सेक्स की दृष्टि से पुरुष की इस मानसिकता को एक बहुत बड़ी गलती में शुमार किया जा सकता है जो उसके दाम्पत्य जीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं है.


यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सेक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जो स्त्री-पुरुष दोनों ही के लिए तन और मन को ताजगी और स्फूर्ति प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम है परन्तु अधिकांश पुरुष सेक्स की प्रक्रिया के दौरान ऐसी कई गलतियों को बारम्बार दुहराते हैं जो उनके यौन-जीवन को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित करते हैं जिससे उनका आपसी सम्बन्ध मधुर नहीं रह पाता है और दंपति के बीच अनावश्यक दूरियां बढ़ती चली जाती है.


इसलिए यह आवश्यक है कि पुरुष को चाहिए कि वह जब भी अपने पार्टनर के साथ सेक्स की प्रक्रिया में शामिल हो तो इंटरकोर्स पर ध्यान केन्द्रित करने के पहले सेक्स को आनन्ददायक बनाने के लिए कुछ विशेष बातों का निश्चित रू प से ध्यान रखे जिससे सिर्फ वह स्वयं ही नहीं बल्कि अपने पार्टनर को भी इस प्रक्रिया में भरपूर रूप से आनन्दित कर सकेगा जिससे उसके आपसी सम्बन्धों को भी मजबूती प्राप्त हो सकेगी और इसके लिए पति-पत्नी दोनों का मानसिक रूप से तैयार होना भी अत्यन्त ही आवश्यक है.


इसके लिए यह नितान्त आवश्यक है कि सेक्स की प्रक्रिया में इंटरकोर्स करने से पूर्व वह विशेष रूप से कुछ ऐसी कोशिशें करे जिससे उसके यौन-सुख में अपेक्षित वृद्धि सम्भव हो सके.


यहां हम इस विषय-वस्तु को निम्न बिन्दुओं में स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे जिसके अभाव में व्यक्ति सेक्स के परम आनन्द से स्वयं तो वंचित रह ही जाता है और अपने पार्टनर को भी इस आनन्द का अहसास नहीं करा पता है. जैसे :-


1. सेक्स की प्रक्रिया के आरम्भ में फोरप्ले नहीं करना.


प्रायः ऐसा देखा जाता है कि व्यक्ति बिस्तर पर आते ही सीधे इंटरकोर्स करना शुरू कर देता है और इस क्रम में वह एक महत्वपूर्ण बात पर ध्यान ही नहीं दे पाता है कि इस परिस्थिति में उसके पार्टनर की मनःस्थिति किस अवस्था में है. जबकि उसे चाहिए कि वह अपने पार्टनर को भी मानसिक रूप से इस प्रक्रिया के लिए तैयार करने की भरपूर कोशिश करे ताकि उसके पार्टनर को भी इस प्रक्रिया का आनन्द भरपूर मात्रा में प्राप्त हो सके. इसके लिए पुरुष को चाहिए कि वह अपने पार्टनर से रूमानी बातें करे, उसके निजी अंगों को छुए, चूमे, सहलाए, आपस में चुलबुली शरारतें करे, एक-दूसरे का भरपूर आलिंगन करे, आपस मे ठिठोली करे जिससे उसका पार्टनर उससे अपना मानसिक जुड़ाव महसूस करे ताकि इस तरह की नजदीकियों से अत्यन्त ही बेहतरीन और अनुकूल वातावरण का निर्माण सम्भव हो सके और तत्पश्चात जब दोनों तरफ बराबर की आग लगी हुई महसूस करें तब जाकर इंटरकोर्स की प्रक्रिया की शुरुआत करें ताकि व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ समान रूप से सेक्स का भरपूर आनन्द प्राप्त कर पाने में सक्षम हो सके. इसलिए पूर्व में जानकारियों के अभाव में भूलवश हुई अपनी गलतियों को नजरअंदाज करते हुए सेक्स की प्रक्रिया की शुरुआत में निश्चित रूप से फोरप्ले अवश्य करें.


2. अपने पार्टनर की इच्छा का भी ध्यान रखें.


सेक्स की प्रक्रिया की शुरुआत में पुरुष को इस बात का निश्चित रूप से ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है कि अभी उसके पार्टनर की इच्छा सेक्स करने के प्रति है भी या नहीं. सामान्यतया पुरुष कभी भी यह जानने की कोशिश नहीं करते कि उनका पार्टनर अभी सेक्स करने के लिए मानसिक रूप से तैयार है भी या नहीं. अगर इस प्रक्रिया की शुरुआत में पुरुष अगर प्यार से उनकी इच्छाओं को जानने की कोशिश करे तो इससे उसके पार्टनर को उसकी अहमियत का अहसास होगा और वह अपने पार्टनर से एक मानसिक जुड़ाव महसूस करेगी. ऐसी स्थिति में यह सम्भव है कि दिन-भर की अनगिनत परेशानियों की वजह से वह थकी हुई ही क्यों न हो फिर भी प्यार के स्नेहिल स्पर्श से वह उत्तेजित होकर अपना मौन समर्थन इशारों-ही-इशारों में व्यक्त कर दे और दोनों इस प्रक्रिया में सम्मिलित होकर यौन-सुख का भरपूर आनन्द प्राप्त करने में सक्षम हो सकें. इसलिए सेक्स की प्रक्रिया की शुरुआत में अपने पार्टनर की इच्छा का ख्याल अवश्य रखें.


3. अंतरंग प्यार करने की योजना बनाएं.


पुरुष को चाहिए कि वह अपने पार्टनर के साथ सेक्स की प्रक्रिया को एक सुखद अंजाम प्रदान करने के लिए योजनाबद्ध तरीके अपनाएं. ऐसा देखा गया है कि कई बार पुरुष अपने प्यार में नयापन लाने के लिए अपने पार्टनर के साथ योजनाएं बनाते हैं जिससे उनके पार्टनर को भी अपने यौन-जीवन में कुछ नयापन अनुभव होता है और वह अपने पार्टनर के साथ मानसिक रूप से कुछ ज्यादा ही अपने को जुड़ा हुआ महसूस करती है. ऐसी स्थिति में अपने पार्टनर के प्रति वह अपना सर्वस्व समर्पण करने पर उतारू हो जाती है जिससे दोनों को ही भरपूर यौन-सुख की प्राप्ति का अनुभव होता है और दोनों की ही जिन्दगी बहुत ही खुशनुमा माहौल में बीतती है. अतः पुरुष को चाहिए कि वह योजनाबद्ध तरीके से अपने प्यार को नित नए रंग में सराबोर रखने का भरसक प्रयत्न करे.


4. सेक्स को सिर्फ शारीरिक क्रिया समझने की भूल न करें.


मनुष्य को चाहिए कि वह सेक्स को अपने पार्टनर के साथ सिर्फ एक शारीरिक प्रक्रिया समझने की भूल कदापि न करे. क्योंकि सेक्स की प्रक्रिया को सिर्फ शारीरिक दायरे में समझना सही नहीं है क्योंकि प्रेम तो सिर्फ देहातीत ही नहीं बल्कि वह इंद्रियातीत भी होता है जिसका मनुष्य के जीवन में प्रवेश मन के रास्ते से होता है. यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि भले ही सेक्स की परिणति देह में जाकर अपनी पूर्णता को प्राप्त करती है परन्तु व्यक्ति के जीवन में इसका प्रवेश मन के ही रास्ते सम्भव होता है. अतः पुरुष को चाहिए कि वह किसी भी स्थिति में सेक्स को देह की परिधि में बांधने से बाज आए क्योंकि मानसिक सुख को नजरअंदाज करना मनुष्य की एक बहुत बड़ी भूल है. यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जब आप अपने पार्टनर को प्यार से देखते हैं या अपने पार्टनर को पूर्व के किसी रोमांचक रोमांस की याद दिलाते हैं या फिर उनके निजी अंगों को छूते, चूमते या सहलाते हैं तो यह सिर्फ शारीरिक ही नहीं होता, बल्कि यह मानसिक भी होता है जिससे आपका पार्टनर उत्तेजित होकर सेक्स की प्रक्रिया के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाता है. इसलिए किसी भी स्थिति में सेक्स को सिर्फ शारीरिक क्रिया समझने की भूल कदापि न करें.


इन सभी बातों के अलावा पुरुष को इस बात पर भी ध्यान देने की नितान्त आवश्यकता है कि वह इस बात का भी ध्यान रखे कि सेक्स की प्रक्रिया में शामिल होने से पूर्व उसके पार्टनर की क्या अपेक्षाएं होती हैं. वह इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मानसिक रूप से किस प्रकार उत्तेजित होती हैं. क्योंकि महिलाओं को सिर्फ इंटरकोर्स से ही वह यौन-सुख प्राप्त नहीं होता है जिसकी उसे अपेक्षा होती है. उसे इस प्रक्रिया में शामिल होने के पूर्व रूमानी बातें, सेक्स से सम्बंधित गंदी बातें, चुहलबाजी, निजी अंगों को अपने पार्टनर द्वारा छूना, चूमना, सहलाना आदि कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता है और वह इससे थोड़े ही समय में उत्तेजित भी हो जाती है और तब जाकर वह अपने पार्टनर के साथ खुलकर यौन-सुख का भरपूर आनन्द प्राप्त करती है. इससे दोनों का ही यौन-जीवन पूरी तरह खुशहाल रहता है. इसलिए ऐसे में पुरुष का यह दायित्व बनता है कि वह अपने पार्टनर की इच्छाओं को पूरे मनोयोग से जानने की कोशिश करे जिससे उसका अपने पार्टनर के साथ एक भरपूर खुशहाल यौन-जीवन पूरे राग-रस-रंग के साथ मस्ती में व्यतीत हो सके.


कहने का तात्पर्य यह है कि अगर स्त्री-पुरुष का यौन-जीवन खुशहाल होता है तो वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी खुश रहते हैं. परन्तु सेक्स की प्रक्रिया के दौरान पुरुषों द्वारा की जाने वाली कुछ गलतियां अक्सर उनके यौन-जीवन को बहुत ही बुरी तरह नुकसान पहुंचाती है.


अतः पुरुष के लिए यह नितान्त आवश्यक है कि वह अपने पार्टनर की इच्छाओं को पूरे मनोयोग से जानने-समझने की कोशिश करे और सेक्स के दौरान उपरिवर्णित गलतियों को दुहराने से बाज आएं जिससे आपका अपने पार्टनर के साथ यौन-जीवन भरपूर खुशहाली के साथ व्यतीत हो सके.


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