हर लिंग के आकार के लिए सर्वश्रेष्ठ सेक्स पोजीशन
- Menwellnessclinic
- Mar 18, 2023
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सृष्टि की रचना के क्रम में ईश्वर ने स्त्री और पुरुष के साथ ही विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं की भी रचना की और उनकी रचनाओं में स्त्री और पुरुष उनकी सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसे ईश्वर ने बहुत ही सोंच-समझकर निर्मित किया है. ऐसे में मनुष्य को यह चाहिए कि ईश्वर से उसे जैसा स्वरूप और अंग-विन्यास प्राप्त हुआ है, उसकी कदर करे क्योंकि यह बात सर्वसम्मत है कि - " बड़े भाग मानुष तन पावा ". इसलिए मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त अपने इस जीवन पर गौरवान्वित होना चाहिए न कि अपने अंग-विन्यास को लेकर किसी गलत धारणा का शिकार होना चाहिए.
आप जैसे भी हैं, यह ईश्वर की देन है और आपको चाहिए कि आप बगैर किसी उधेड़-बुन में पड़े बगैर अन्यों से अपनी तुलना करने की बजाए इसको अत्यन्त ही सहजता के साथ स्वीकार करें तो आप निश्चित रूप से सुखी रहेंगे क्योंकि ईश्वर द्वारा प्रदत्त अंग-विन्यासों में सभी अंगों का अपने-आपमें निःसंदेह रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है.
ऐसे में ईश्वर ने स्त्री और पुरुष के बीच शारीरिक संबंधों के लिए योनि और लिंग की भी रचना बड़ी ही बखूबी के साथ की है परन्तु इसके आकार-प्रकार में कुछ स्वाभाविक भिन्नताएं भी हैं.
किसी का लिंग सामान्य है तो किसी का छोटा और किसी का लिंग बड़ा परन्तु यह भी निर्विवाद है कि इसके आकर-प्रकार से स्त्री और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध स्थापित करने के दरम्यान इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि शारीरिक संबंध सिर्फ शारीरिक और मानसिक ही नहीं बल्कि वह भावनात्मक भी होता है, अतः हमें यह स्वीकार करने में किसी भी प्रकार की कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि स्त्री और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध बनाने और उससे उत्पन्न यौन-सुख भावनाप्रधान होता है और उसमें लैंगिक प्रधानता तो होती है परन्तु लिंग के आकार का महत्व उतना नहीं होता जैसा कि लोग भ्रांत धारणाओं के मकड़जाल में उलझ कर सोंचते हैं शारीरिक संबंध स्थापित करने की प्रक्रिया में उससे प्राप्त होनेवाले आनन्द में लिंग की लम्बाई कोई मायने नहीं रखती, अतः व्यक्ति को चाहिए कि ईश्वर प्रदत्त उसके पास जो कुछ भी है, उसे उसी में खुश रहने की कला सीखनी चाहिए जिससे व्यक्ति अपने लिंग की लम्बाई को लेकर अनावश्यक रूप से चिन्तित न रहे और अपने पार्टनर के साथ सेक्स सम्बन्धों का भरपूर आनन्द प्राप्त करता रहे.
अब एक स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है कि अगर किसी व्यक्ति के लिंग का आकार छोटा है अथवा किसी व्यक्ति के लिंग का आकार अपेक्षाकृत बड़ा है तो उसके लिए सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में उसकी सर्वश्रेष्ठ पोजीशन कैसी होनी चाहिए? इसके लिए यौन-शास्त्र में विभिन्न प्रकार की पोजीशनों की चर्चा की गई है जिसे व्यक्ति अपनी आवश्यकता और परिस्थितियों के अनुरूप अपनाकर अपने पार्टनर के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित कर सकता है और लैंगिक विद्रूपताओं को भुलाकर सेक्स सम्बन्ध स्थापित करते हुए अपने जीवन में यौन-सुख का भरपूर आनन्द प्राप्त कर सकता है.
आजकल हमारे देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में अधिकांश व्यक्ति अपने सेक्स सम्बन्धों को लेकर बहुत सारी अनावश्यक गलतफहमियों के शिकार हैं. और हमारे देश में तो लोग सेक्स से सम्बंधित मामलों पर खुलकर बात-चीत करना भी पसन्द नहीं करते. यहां तक कि कई ऐसे भी देश हैं जहां आज भी सेक्स से सम्बंधित मामलों पर बातचीत नहीं की जाती तथा लोग इसके बारे में बातें करने में हिचकिचाते भी हैं जिसकी वजह से व्यक्ति के मन में बहुत सारी भ्रांतियां घर कर लेती हैं जो यौन-स्वास्थ्य की दृष्टि से किसी भी मायने में उचित नहीं है.
ऐसी ही एक बहुत बड़ी भ्रांति पुरुषों के लिंग के आकार-प्रकार को लेकर भी है. यहां कुछेक लोगों के मन में ऐसी भ्रांत धारणा यह है कि छोटे लिंग वाले पुरुषों के साथ महिलाएं सेक्स सम्बंध स्थापित करना पसन्द नहीं करतीं या वह छोटे लिंग वाले पुरुषों से सेक्स सम्बंध स्थापित करने पर संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाती हैं जो कि अत्यन्त ही भ्रामक धारणा है.
सेक्स सम्बंध स्थापित करने की प्रक्रिया में लिंग की लम्बाई के अतिरिक्त अन्य और भी कई चीजें हैं जिनकी अनिवार्यता भी इस प्रक्रिया में बहुत हद तक आवश्यक है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
लिंग चाहे छोटा हो या बड़ा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सेक्स सम्बंध स्थापित करने की प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार के कई ऐसे महत्वपूर्ण पोजीशन हैं जिसे अपनाकर छोटे लिंग वाले पुरुष भी अपने पार्टनर के साथ सेक्स का भरपूर आनन्द प्राप्त कर सकते हैं. इसलिए अगर किसी व्यक्ति के लिंग का आकार छोटा है तो उसे इसकी वजह से परेशान होने की कोई खास आवश्यकता नहीं है क्योंकि सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने के लिए बेहतरीन सेक्स पोजीशन का होना ज्यादा आवश्यक है और इतना ही नहीं, सेक्स पोजीशन भी एक प्रकार की नहीं बल्कि भिन्न-भिन्न प्रकार की होनी भी जरूरी है क्योंकि एक ही पोजीशन में सेक्स करने से व्यक्ति या उसके पार्टनर को बोरियत महसूस हो सकती है इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वह सेक्स सम्बंध बनाते हुए विभिन्न प्रकार की पोजीशनों का इस्तेमाल करे ताकि उसमें उन्हें नवीनता का सुखद अहसास प्राप्त हो सके.
अब यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह है कि जिन पुरुषों के लिंग का आकार छोटा है उन्हें कौन-कौन सी पोजीशनों में सेक्स करना चाहिए जिससे उन्हें और उनके पार्टनर को सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में बेहतरीन आनन्द की प्राप्ति सम्भव हो सके.
इस तरह की पोजीशनों में सबसे महत्वपूर्ण पोजिशन है डॉगी स्टाइल पोजिशन.
जिस व्यक्ति के लिंग का आकार छोटा होता है उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह जब भी अपने पार्टनर के साथ सेक्स सम्बन्ध स्थापित करे तो उसे डॉगी स्टाइल में ही सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इस पोजीशन में सेक्स करने से आपके साथ ही आपके पार्टनर को भी बेहतरीन आनन्द की अनुभूति होगी. यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस तरह की खास पोजीशन महिलाओं को भी बहुत पसन्द आती है और इतना ही नहीं, जिन व्यक्तियों के लिंग का आकार छोटा होता है उनके लिए खासकर इस पोजीशन में सेक्स करने में उन्हें बहुत ही बेहतरीन आनन्द की अनुभूति होती है. इस पोजीशन में सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने के लिए आपकी महिला पार्टनर को घुटनों के बल झुकना होता है जिसके बाद पुरुष को खड़े होकर अपने लिंग को महिला की योनि में प्रविष्ट कराना होता है. यह पोजीशन बहुतेरे पुरुषों को भी काफी पसन्द आती है और जब व्यक्ति इस पोजीशन में सेक्स सम्बन्ध स्थापित करता है तो उसे एक विशेष प्रकार के आनन्द की अनुभूति प्राप्त होती है.
ऐसे ही पोजीशनों में एक और महत्वपूर्ण पोजिशन है जिसे रिवर्स काउगर्ल पोजीशन कहते हैं.
यह भी एक बहुत ही बेहतरीन सेक्स पोजीशन है. जिन व्यक्तियों के लिंग का आकार छोटा है और वह जब इस तरह की पोजिशन में सेक्स सम्बन्ध स्थापित करता है तो उसे अपने साथ ही उसके पार्टनर को भी बहुत ही बेहतरीन आनन्द की प्राप्ति होती है और इतना ही नहीं, बल्कि इस पोजीशन में बहुत ही बेहतरीन ऑर्गेज्म की भी अनुभूति प्राप्त होती है. इस पोजीशन में महिला पुरुष के ऊपर होती है और अगर व्यक्ति के लिंग का आकार छोटा है तो भी इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता. इस पोजीशन में महिला पुरुष की ओर पीठ करके लिंग को अपनी योनि में प्रविष्ट कराती है. बावजूद इसके कि इस पोजीशन में महिला को थकान का अहसास कुछ ज्यादा ही होता है परन्तु इस पोजीशन में उसे अपने पार्टनर के साथ सेक्स करने का भरपूर आनन्द भी प्राप्त होता है.
ऐसे ही पोजीशनों में एक और महत्वपूर्ण पोजीशन है जिसे वुमेन ऑन टॉप सेक्स पोजीशन कहते हैं.
यह एक बहुत ही आनन्ददायक सेक्स पोजीशन है. ऐसी पोजीशन में सेक्स संबन्ध स्थापित करने से स्त्री और पुरुष दोनों को ही बहुत आनन्द प्राप्त होता है. छोटे लिंग वालों के लिए यह पोजीशन बहुत ही खास होती है. इस पोजीशन में जब कोई व्यक्ति सेक्स संबन्ध स्थापित करता है तो वह इतना आनन्दित होता है कि वह बारम्बार इस पोजीशन में सेक्स संबन्ध स्थापित करना पसन्द करता है. इस पोजीशन की खास बात यह है कि इस पोजीशन में व्यक्ति गुदा और योनि सेक्स दोनों ही भली-भांति कर सकता है. इस पोजीशन में पुरुष अपनी पीठ के बल लेटे हुए होते हैं और महिला पुरुष के ऊपर अपने घुटनों के बल बैठकर लिंग को अपनी योनि में प्रविष्ट कराकर बैठ जाती है. इस पोजीशन में सेक्स संबन्ध स्थापित करने से महिला को भरपूर आनन्द की प्राप्ति होती है और एक खास बात यह भी है कि इस पोजीशन में दोनों एक-दूसरे के साथ चुम्बन का आदान-प्रदान भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं जिससे सेक्स की प्रक्रिया में दोनों को ही बहुत ही बेहतरीन आनन्द की प्राप्ति होती है.
ऐसे ही पोजीशनों में एक और महत्वपूर्ण पोजिशन है जिसे डबल डेकर सेक्स पोजीशन कहते हैं.
यह एक बहुत ही खास पोजीशन है और यह पोजीशन भी सेक्स संबन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में बहुत ही खास प्रकार के आनन्द का अनुभव कराती है. छोटे आकार के लिंग वाले पुरुषों के लिए भी यह पोजीशन बहुत ही अच्छी पोजीशनों में शुमार होती है. इस पोजीशन में महिला अपने पेट के बल लेटकर अपने पैरों को को खुला छोड़ती है ताकि उसके ऊपर अवस्थित पुरुष का लिंग उसकी योनि में आसानी से प्रविष्ट हो सके. इस पोजीशन में भी सेक्स संबन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में स्त्री और पुरुष दोनों को अतिशय आनन्द की प्राप्ति होती है और मन भी काफी प्रफुल्लित रहता है.
कहने का तात्पर्य यह है कि सेक्स संबन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में लिंग के आकार-प्रकार का उतना महत्व नहीं है जितना कि व्यक्ति की स्टेमिना का होता है. ऐसा नहीं है कि लिंग के आकार का कोई महत्व ही नहीं है बल्कि है परन्तु ऐसा नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति के लिंग का आकार छोटा है तो वह अपने पार्टनर को भरपूर यौन-सुख प्रदान नहीं कर सकता तो यह धारणा अपने-आपमें नितान्त रूप से भ्रामक है क्योंकि छोटा लिंग होना किसी भी दृष्टि से कोई बुरी बात नहीं है और न ही इससे व्यक्ति को यौन-संबन्ध बनाने में ही कोई परेशानी होती है.
यहां इस बात पर ध्यान देने की ज्यादा आवश्यकता है कि आप अपने पार्टनर को तभी खुश रख सकते हैं जब आप अपने पार्टनर से भरपूर प्यार करते हुए अपनी सम्पूर्ण स्टेमिना के साथ यौन सम्बन्ध बनाने का प्रयास करते हैं और आप उनको पूर्ण संतुष्टि का अहसास करा पाते हैं जिसके लिए इस बात पर ध्यान देने की कोई आवश्यकता नहीं है कि आपके लिंग का आकार-प्रकार कैसा है क्योंकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि फर्क तो इस बात से पड़ता है कि आप अपने पार्टनर से कितना प्यार करते हैं और यही बात आपके पार्टनर के लिए मायने रखती है. इसलिए ईश्वर से नैसर्गिक रूप में आपको जो भी प्राप्त हुआ है आप उससे ही खुश रहने की कला सीखिए और भूलकर भी किसी दूसरे के साथ अपनी तुलना नहीं कीजिए, तभी जाकर आप अपने दाम्पत्य जीवन में सुखी रह सकते हैं और अपने पार्टनर के साथ अपने यौन जीवन का भरपूर आनन्द प्राप्त कर सकते हैं.
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